
जैसा की आप सब जानते है कि हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा की जाती है। लेकिन यह सावन का महीना चल रहा है और सावन के महीने में जिस प्रकार सोमवार को शिवजी की पूजा का विशेष महत्व है उसी प्रकार सावन के शनिवार को हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।हनुमान जी भगवान शिव के ही एक अवतार हैं। सावन के महीने में हनुमान जी भोलेनाथ की तरह ही अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं।
धर्मग्रंथों के जानकारो के अनुसार, सावन के शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से हर प्रकार के रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते है और अपने भक्तो को बल बुद्धि और वैभव प्रदान करते है। सभी रुके हुए काम पूरे होने लगते है। हनुमान जी की पूजा से हमे मानसिक और शारारिक मजबूती मिलती है ।
पूजा की विधि:
१) शुक्रवार की रात को हनुमान जी का नाम लेकर सोये और ब्रहमचर्य का पालन करे।
२) शनिवार को प्रातः जल्दी उठकर नहाये।
३) हनुमान मंदिर जाये या फिर अपने घर पर ही पूजा कर सकते है।
४) हनुमान जी को शीस नवाकर पूजा की अनुमति और विशेष पूजा का संकल्प लें।
५) गंगा जल से हनुमान जी को स्नान कराये।
६) रूद्र मंत्रों से हनुमानजी का अभिषेक करें।
७) फिर तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी की मूर्ति पर लेप लगाएं। हनुमान जी को सिंदूर से विशेष लगाव है।
८) फिर धूप दीप करके चन्दन और अक्षत चढ़ाए।
९) हनुमान जी को गुड़हल और मदार के फूल खासतौर से चढ़ाएं।
१०) मिठाई या गुड़-चने का भोग लगाए।
हनुमानजी के बारह नामों की स्तुति इस प्रकार है...
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