
भगवान हनुमान जी hanumanji को अजरता और अमरता का वरदान प्राप्त है यानि संकटमोचक हनुमान जी हर युग में पृथ्वी पर मौजूद रहेंगे और कभी बूढ़े नहीं होंगे। परन्तु साल में कुछ दिन ऐसे आते है जब हम हनुमानजी के वृद्ध स्वरूप की उपासना करते है। आइये जानते है कोन से दिन है वह.......
हनुमान जी की साधना के लिए मंगलवार का दिन बहुत ज्यादा शुभ माना गया है, परन्तु ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार को बजरंबली की पूजा का फल दोगुना हो जाता है। ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है इसी दिन हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की उपासना की जाती है।
कलयुग में जिस बजरंगी की पूजा सभी कामनाओं को पलक झपकते पूरा करने वाली मानी गई, उनसे जुड़ा बुढ़वा मंगल पर्व इस साल ज्येष्ठ के महीने में चार बार पड़ेगा. आइए बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल पर्व की सभी तारीखों के बारे में जानते हैं.
ज्येष्ठ मास में कब-कब पड़ेगा बुढ़वा मंगल
- पहला बुढ़वा मंगल – 28 मई 2024
- दूसरा बुढ़वा मंगल – 04 जून 2024
- तीसरा बुढ़वा मंगल – 11 जून 2024
- चौथा बुढ़वा मंगल – 18 जून 2024
बुढ़वा मंगल का इतिहास:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में भीम को अपने शक्तिशाली होने पर अभिमान हो गया था। भीम के घमंड को तोड़ने के लिए हनुमान जी ने एक बूढ़े बंदर का भेष धारण कर उनका घमंड तोड़ा था। यही दिन आगे चलकर बुढ़वा मंगल कहा जाने लगा।
बुढ़वा मंगल का महत्व:
बुढ़वा मंगल का दिन बजरंगबली के भक्तों के लिए बेहद खास माना गया है। इस दिन हनुमान भक्त व्रत, पूजन, व्रत कथा पढ़ने या सुनने के अलावा भजन-कीर्तन करते हैं। मान्यता है कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट व बाधाओं से मुक्ति मिलती है।बुढ़वा मंगल की पूजा:
बुढ़वा मंगल के दिन पवनपुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीजें जैसे लाल रंग का पुष्प, लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के फल, बूंदी, सिंदूर आदि जरूर चढ़ाना चाहिए. बड़ा मंगल पर किसी भी कामना को पूरा करने के लिए हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करें और अंत में उनकी आरती करने के बाद अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें.बुढ़वा मंगल पर सुंदरकांड का पाठ भी शुभ फलदायी रहता है।
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