
श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Shri Hanuman Ashtottara-Shatnam Namavali)
पिछले लेख में हमने आपको हनुमान जी के १२ प्रमुख नाम बतलाये थे। आज हम हनुमान जी की चमत्कारी श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (१०८ नाम) और उनके अर्थ बताते है।
हनुमान जी की चमत्कारी श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली का जप करने से हर प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
1.आंजनेया : अंजना का
पुत्र
2.महावीर : सबसे बहादुर
3.हनूमत : जिसके गाल
फुले हुए हैं
4.मारुतात्मज
: पवन देव के लिए रत्न
जैसे प्रिय
5.तत्वज्ञानप्रद : बुद्धि ज्ञान देने वाले
6.सीतादेविमुद्राप्रदायक
: सीता की अंगूठी
भगवान राम को देने वाले
7.अशोकवनकाच्छेत्रे : अशोक वाटिका का विनाश करने वाले
8.सर्वमायाविभंजन
: छल के विनाशक
9.सर्वबन्धविमोक्त्रे
: मोह को दूर करने वाले
10.रक्षोविध्वंसकारक
: राक्षसों का वध
करने वाले
11.परविद्या परिहार : दुष्ट शक्तियों
का नाश करने
वाले
12.परशौर्य विनाशन : शत्रु के
शौर्य को खंडित
करने वाले
13.परमन्त्र निराकर्त्रे : राम नाम का जाप
करने वाले
14.परयन्त्र प्रभेदक : दुश्मनों के
उद्देश्य को नष्ट
करने वाले
15.सर्वग्रह विनाशी : ग्रहों के
बुरे प्रभावों को
खत्म करने वाले
16.भीमसेन सहायकृथे : भीम के सहायक
17.सर्वदुखः हरा : दुखों
को दूर करने
वाले
18.सर्वलोकचारिणे
: सभी जगह वास करने वाले
19.मनोजवाय :
जिसकी हवा जैसी
गति है
20.पारिजात द्रुमूलस्थ : प्राजक्ता पेड़
के नीचे वास
करने वाले
21.सर्वमन्त्र
स्वरूपवते : सभी मंत्रों
के स्वामी
22.सर्वतन्त्र
स्वरूपिणे : सभी मंत्रों
और भजन का आकार जैसा
23.सर्वयन्त्रात्मक
: सभी यंत्रों में
वास करने वाले
24.कपीश्वर :
वानरों के देवता
25.महाकाय : विशाल रूप
वाले
26.सर्वरोगहरा
: सभी रोगों को
दूर करने वाले
27.प्रभवे : सबसे प्रिय
28.बल सिद्धिकर :
29.सर्वविद्या
सम्पत्तिप्रदायक : ज्ञान और
बुद्धि प्रदान करने
वाले
30.कपिसेनानायक
: वानर सेना के प्रमुख
31.भविष्यथ्चतुराननाय
: भविष्य की घटनाओं
के ज्ञाता
32.कुमार ब्रह्मचारी : युवा ब्रह्मचारी
33.रत्नकुण्डल
दीप्तिमते : कान में
मणियुक्त कुंडल धारण
करने वाले
34.चंचलद्वाल
सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला : जिसकी पूंछ
उनके सर से भी ऊंची
है
35.गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ : आकाशीय विद्या
के ज्ञाता
36.महाबल पराक्रम : महान शक्ति
के स्वामी
37.काराग्रह विमोक्त्रे : कैद से मुक्त करने
वाले
38.शृन्खला बन्धमोचक: तनाव को दूर करने
वाले
39.सागरोत्तारक
: सागर को उछल कर पार
करने वाले
40.प्राज्ञाय
: विद्वान
41.रामदूत : भगवान राम
के राजदूत
42.प्रतापवते
: वीरता के लिए प्रसिद्ध
43.वानर : बंदर
44.केसरीसुत
: केसरी के पुत्र
45.सीताशोक निवारक : सीता के दुख का
नाश करने वाले
46.अन्जनागर्भसम्भूता
: अंजनी के गर्भ से जन्म
लेने वाले
47.बालार्कसद्रशानन
: उगते सूरज की तरह तेजस
48.विभीषण प्रियकर : विभीषण के
हितैषी
49.दशग्रीव कुलान्तक : रावण के राजवंश का
नाश करने वाले
50.लक्ष्मणप्राणदात्रे
: लक्ष्मण के प्राण
बचाने वाले
51.वज्रकाय :
धातु की तरह मजबूत शरीर
52.महाद्युत
: सबसे तेजस
53.चिरंजीविने
: अमर रहने वाले
54.रामभक्त :
भगवान राम के परम भक्त
55.दैत्यकार्य
विघातक : राक्षसों की सभी गतिविधियों को नष्ट करने वाले
56.अक्षहन्त्रे
: रावण के पुत्र
अक्षय का अंत करने वाले
57.कांचनाभ :
सुनहरे रंग का शरीर
58.पंचवक्त्र
: पांच मुख वाले
59.महातपसी :
महान तपस्वी
60.लन्किनी भंजन : लंकिनी
का वध करने वाले
61.श्रीमते :
प्रतिष्ठित
62.सिंहिकाप्राण
भंजन : सिंहिका के
प्राण लेने वाले
63.गन्धमादन शैलस्थ : गंधमादन पर्वत
पार निवास करने
वाले
64.लंकापुर विदायक : लंका को जलाने वाले
65.सुग्रीव सचिव : सुग्रीव
के मंत्री
66.धीर : वीर
67.शूर : साहसी
68.दैत्यकुलान्तक
: राक्षसों का वध
करने वाले
69.सुरार्चित
: देवताओं द्वारा पूजनीय
70.महातेजस :
अधिकांश दीप्तिमान
71.रामचूडामणिप्रदायक
: राम को सीता का चूड़ा
देने वाले
72.कामरूपिणे
: अनेक रूप धारण
करने वाले
73.पिंगलाक्ष
: गुलाबी आँखों वाले
74.वार्धिमैनाक
पूजित : मैनाक पर्वत
द्वारा पूजनीय
75.कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय : सूर्य को
निगलने वाले
76.विजितेन्द्रिय
: इंद्रियों को शांत
रखने वाले
77.रामसुग्रीव
सन्धात्रे : राम और
सुग्रीव के बीच मध्यस्थ
78.महारावण मर्धन : रावण का वध करने
वाले
79.स्फटिकाभा
: एकदम शुद्ध
80.वागधीश : प्रवक्ताओं के भगवान
81.नवव्याकृतपण्डित
: सभी विद्याओं में
निपुण
82.चतुर्बाहवे
: चार भुजाओं वाले
83.दीनबन्धुरा
: दुखियों के रक्षक
84.महात्मा :
भगवान
85.भक्तवत्सल
: भक्तों की रक्षा
करने वाले
86.संजीवन नगाहर्त्रे : संजीवनी लाने
वाले
87.सुचये : पवित्र
88.वाग्मिने
: वक्ता
89.दृढव्रता
: कठोर तपस्या करने
वाले
90.कालनेमि प्रमथन : कालनेमि का
प्राण हरने वाले
91.हरिमर्कट मर्कटा : वानरों के
ईश्वर
92.दान्त : शांत
93.शान्त : रचना करने
वाले
94.प्रसन्नात्मने
: हंसमुख
95.शतकन्टमदापहते
: शतकंट के अहंकार
को ध्वस्त करने
वाले
96.योगी : महात्मा
97.मकथा लोलाय : भगवान राम
की कहानी सुनने
के लिए व्याकुल
98.सीतान्वेषण
पण्डित : सीता की
खोज करने वाले
99.वज्रद्रनुष्ट
:
100.वज्रनखा
: वज्र की तरह मजबूत नाखून
101.रुद्रवीर्य
समुद्भवा : भगवान शिव
का अवतार
102.इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र
विनिवारक : इंद्रजीत के ब्रह्मास्त्र
के प्रभाव को
नष्ट करने वाले
103.पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने : अर्जुन के
रथ पार विराजमान
रहने वाले
104.शरपंजर भेदक : तीरों
के घोंसले को
नष्ट करने वाले
105.दशबाहवे
: दस्द भुजाओं वाले
106.लोकपूज्य
: ब्रह्मांड के सभी
जीवों द्वारा पूजनीय
107.जाम्बवत्प्रीतिवर्धन
: जाम्बवत के प्रिय
108.सीताराम पादसेवा : भगवान राम
और सीता की सेवा में
तल्लीन रहने वाले
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